उम्र
58 वर्ष
निवास
मुंबई
अनुभव
22 साल से इंडस्ट्री में लेखक-निर्देशक के रूप में सक्रिय। कैरियर की शुरुआत सहायक निर्देशक के रूप में की। दक्षिण भारतीय होने के बावजूद हिंदी पर बहुत अच्छी पकड़।
अब तक
चार राजस्थानी फिल्मों का लेखन। इनमें से महर करो पपळाज माता और माटी का लाल मीणा गुर्जर रिलीज हो चुकी हैं। साथ कदे न छूटे व भंवरी रिलीज के लिए तैयार।
तीन भौजपुरी फिल्मों की पटकथा लिखी।
छोटे परदे के लिए अंदाज, अमरप्रेम, जान, जंग, युग, विश्वास और सलाखों के पीछे जैसे करीब 35 धारावाहिकों का लेखन।
कई डॉक्यूमेंट्री व टेली फिल्म्स का लेखन व निर्देशन।
इन दिनों
माटी का लाल मीणा गुर्जर पार्ट-2 की पटकथा लिखने में व्यस्त।