पूर्वी राजस्थान की कुप्रथा पारो पर प्रहार करती फिल्म लाडली 7 अप्रैल को होगी रिलीज
जयपुर। पूर्वी राजस्थान में भ्रूण हत्या के चलते बालिकाओं का सेक्स रेसो कम होने से वहां कुंआरों की तादाद बढ़ती जा रही है। ऐसे लोग शादी के लिए मरे जा रहे हैं। यहां तक कि पैसे भी देने पड़े तो देकर ये अपना कुंआरापन उतारना चाहते हैं। इनकी इसी भूख का फायदा उठा रही हैं बिहार से आने वाली नचनियां। ये अपने साथ लड़कियों की फोटो लेकर आती हैं और पैसे के बदले में शादी करवा देती हैं। दुल्हन की रेट इनके यहां एक से लेकर पांच लाख तक की है। इन नचनियों को इस इलाके में पारों के नाम से जाना जाता है। क्षेत्र में भीतर तक जड़ें जमा चुकी पारो रूपी इस कुप्रथा को उठाया है निर्माता—निर्देशक विपिन तिवारी ने अपनी फिल्म लाडली में।
तिवारी ने बताया कि फिल्म में इस सब्जेक्ट को बहुत ही गंभीरता के साथ उठाया गया है। इसके पीछे उनका मकसद लोगों को यह समझाना है कि बेटी को बचाओगे तभी तो घर में बहु ला पाओगे। बेटी को बोझ मत समझो वह लक्ष्मी है और अपने साथ अपना भाग्य लेकर आती है। तिवारी का कहना है कि उनकी फिल्म देखकर अगर 10—15 प्रतिशत लोग भी जागरूक होते हैं तो वे अपनी मेहनत सार्थक मानेंगे।
निर्माता अजय तिवारी ने बताया कि अमिताभ और परी की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में बिहार की नचनिया उर्फ पारो की भूमिका निभाई है आइटम गर्ल कोमल ठक्कर ने। यह नाच गाने के बीच अपना शिकार ढूंढती है और फिर मौका मिलते ही ले लेती है लपेटे में। पन्या सेपट उर्फ दीपक मीणा की दोहरी प्रतिभा निखरकर आएगी इस फिल्म में। एक तो उनकी जानी—मानी कॉमेडी वाली और दूसरी एक बहुत ही इमोशनल बाप की। संगीता चौधरी एक दबंग महिला के रूप में दिखेंगी तो मुस्ताक खान एक रिटायर्ड फौजी के रोल में। शिवराज गूजर, मोहन सैनी, विजयलक्ष्मी, साजिदा खान, जहीरशेख और बबीता शर्मा महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नजर आएंगे।