प्रीव्यू कमेटी द्वारा स्पष्ट अनुशंषा नहीं किए जाने से अटकी सात मूवीज
राज्य सरकार की ओर से तीन राजस्थानी फिल्मों को अनुदान दिया जाएगा। हालांकि, दस फिल्में अनुदान की कतार में थीं, लेकिन प्रीव्यू कमेटी की ओर से स्पष्ट अनुशंषा नहीं किए जाने के कारण सात लटक गईं।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार इस बार उन्हीं फिल्मों को अनुदान के लिए चुना गया है, जिनके लिए प्रीव्यू कमेटी ने स्पष्ट रूप से अनुदान दिए जाने की अभिशंषा की है। कमेटी ने करीब दस फिल्मों का प्रीव्यू करने के बाद केवल तीन के लिए स्पष्ट रूप से अभिशंषा की। ये तीन फिल्में हैं—लाडली, नरसी भक्त नानी बाई को मायरो और ब्याव रो झोलमाल। किस को कितना अनुदान मिला इसकी तो पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई, लेकिन यह पक्का है कि इन मूवीज में से भी किसी को दस लाख नहीं मिला है।
दस लाख है अनुदान राशि
राजस्थानी सिनेमा कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से राजस्थानी फिल्मों को दस लाख रुपए तक का अनुदान दिया जाता है। इनमें भी दो कैटेगिरी है—यू और यूए। यू सर्टीफिकेट वाली फिल्म को 10 लाख तक व यूए वाली को पांच लाख तक का अनुदान दिया जाता है। पहले यह राशि पांच लाख थी, जिसे बाद में बढ़ाकर दस लाख कर दिया गया। हालांकि, अभी तक किसी भी फिल्म को दस लाख नहीं मिले हैं।