नदिया के पार की हीरोइन ने राजस्थानी फिल्मों में भी दिखाए हैं जलवे
राजस्थानी फिल्मों में बॉलीवुड के कई जाने-मान कलाकारों ने अभिनय किया है, अभिनेत्री साधना सिंह भी उनमें से एक है। राजश्री की फिल्म नदिया के पार जैसी सुपरहिट फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली इस अभिनेत्री ने राजस्थानी फिल्म धरम भाई में मुख्य भूमिका निभाई। यह जानकारी साधना सिंह के जन्म दिन पर वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म क्रिटिक एम डी सोनी ने अपनी फेसबुक वाल पर शेयर की है।
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एम डी सोनी ने लिखा है कि राजस्थानी फिल्मों के प्रवर्तक रामराज नाहटा ने अपने बैनर रंगलोक फिल्म्स तले 1987 में धरम भाई का निर्माण किया था। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते, आपसी अनुराग, त्याग और बलिदान की थीम पर शांतिलाल सोनी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में साधना सिंह ने सुगना का किरदार पूरे मनोयोग और समर्पण के साथ निभाया था। नेचुरल एक्टिंग की थी साधना जी ने। गुजराती सिनेमा के कामयाब हीरो नरेश कनोडिया उनके धरम भाई बने थे। गुजराती एक्टर अरविंद कुमार (किराड) फिल्म के नायक थे, जबकि नरेश कनोडिया के अपोजिट थीं नीलू।
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धरम भाई दर्शकों को लुभाने में काफी हद तक कामयाब रही। जे.पी. कौशिक के संगीत से सजे गीत भी प्रचलित रहे। बीरा बांधी रे बांधी थारै राखड़ी…, मैं तो हारी रे हारी तक तक थारी बाट रे बीरा.. और मेहंदीपुर बालाजी पर विपदा हरो बालाजी हो बालाजी… जैसे चार गाने साधना-जी पर फिल्माए गए थे। बता दें कि यह द्विभाषी फिल्म मारी लाज राखजे वीरा टाइटल से गुजराती में भी बनी। इसमें नीलू की जगह जयश्री टी थीं, जबकि बाकी स्टारकास्ट समान।
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वाराणसी के पंजाबी परिवार में जन्मी साधना सिंह भोजपुरी फिल्मों के जनक बिश्वनाथ प्रसाद शाहाबादी की पुत्रवधू हैं। वे अपने होम प्रोडक्शन की भोजपुरी फिल्म गंगा जइसन पावन पिरितिया हमार (2004) में अदाकारी दिखा चुकी हैं। साधना-जी बचपन से संगीत की दीवानी रही हैं। अपने नाम को सार्थक करते हुए, फुर्सत में वे सुरों की साधना में लगी रहती हैं।