rajasthani cinema 2024 : आज के ठीक 12 दिन बाद 1 साल हो जाएगा, किसी भी राजस्थानी फिल्म को सिनेमाघर का मुंह देखे हुए

rajasthani cinema 2024 : 7 जुलाई को रिलीज हुई थी लास्ट राजस्थानी फिल्म

rajasthani cinema 2024 : आज के ठीक 12 दिन बाद 1 साल हो जाएगा, किसी भी राजस्थानी फिल्म को सिनेमाघर का मुंह देखे हुए

आज के ठीक 12 दिन बाद 1 साल हो जाएगा, किसी भी राजस्थानी फिल्म को सिनेमाघर का मुंह देखे हुए। लास्ट फिल्म पिछले साल 7 जुलाई को रिलीज हुई थी। यह तो हुई अभी की बात। पिछले साल की बात करें तो 2023 में भी मात्र तीन ही फिल्में रिलीज हुई थीं, वह भी 7 महीने में। यानी कि एवरेज देखें तो 2 महीने में एक फिल्म सिनेमाघर में पहुंची थी। Current situation को देखते हुए लग रहा है कि rajasthani cinema 2024 में शायद इससे भी बुरी हालत में पहुंच जाए। पिछले साल तीन फिल्में तो आई थीं, इस साल कहीं यह आंकड़ा एक पर ही सिमटकर नहीं रह जाए।

पिछले साल बाहुबली से खुला था खाता

rajasthani cinema 2024 : आज के ठीक 12 दिन बाद 1 साल हो जाएगा, किसी भी राजस्थानी फिल्म को सिनेमाघर का मुंह देखे हुए

पिछले साल राजस्थानी फिल्मों की सिनेमा घर में पहुंचने की शुरुआत विपिन तिवारी के निर्देशन में बनी फिल्म बाहुबली से हुई थी। यह फिल्म 24 फरवरी 2023 को रिलीज हुई थी। इस फिल्म को प्रोड्यूस किया था अजय तिवारी ने। इसमें लीड रोल में अमिताभ थे। उनके अपोजिट दो हीरोइन थीं, एक परी शर्मा और दूसरी वाणी। इस फिल्म का प्रीमियर राजमंदिर सिनेमा में किया गया था। राज्य सरकार के अनुदान राशि बढ़ाने के बाद पूरा 25 लाख रुपए सब्सिडी पाने वाली यह पहली फिल्म रही।

गोविंद सिंह की हुई थी दो मूवी रिलीज

इसके बाद दूसरी फिल्म बीनणी भाग ज्यासी और तीसरी मेगा हाईवे रिलीज हुई। खास बात यह रही कि इन दोनों की फिल्मों में हीरो गोविंद सिंह राजपूत थे। बींदणी भाग ज्यासी फिल्म 14 अप्रैल को सिनेमाघर में प्रदर्शित हुई, जबकि मेगा हाईवे 7 जुलाई को रिलीज हुई। गोविंद सिंह की मेगा हाईवे 2023 में रिलीज होने वाली लास्ट राजस्थानी फिल्म रही। इसके बाद के 5 महीने कोई भी फिल्म सिनेमा घर पर नहीं पहुंची।

rajasthani cinema 2024 : 2023 का सूखा अब तक जारी

पिछले साल जुलाई में सिनेमाघर में पड़ा राजस्थानी फिल्मों का सूखा 2024 (rajasthani cinema 2024) में भी जारी है। पिछले साल के 6 महीने पूरे होने के बाद नए साल के भी 6 महीने कंप्लीट होने को आए हैं, लेकिन अभी तक कोई भी राजस्थानी फिल्म सिनेमाघर में नहीं पहुंची है। उम्मीद है कि जुलाई में शायद यह सूखा खत्म हो जाना चाहिए।

हम ही क्यों पिछड़े हैं

आज रीजनल सिनेमा मेनस्ट्रीम सिनेमा को बराबर की टक्कर दे रहा है। यहां तक की साउथ का सिनेमा तो उससे भी बेहतर स्थिति में है। वहां आज पेन इंडिया फिल्में बनने लगी है। मराठी, भोजपुरी, गुजराती और पंजाबी सिनेमा भी बहुत बेहतर स्थिति में है। मराठी और भोजपुरी में भी पेन इंडिया फिल्मों का दौर की शुरू हो गया है। एक तरफ यह रीजनल सिनेमा है और दूसरी तरफ हम हैं, राजस्थानी सिनेमा (rajasthani cinema) वाले। एकदम सबसे पिछड़े, सबसे खराब हालत में। हालत खराब भी ऐसी कि 12-12 महीने तक कोई फिल्म सिनेमाघर तक नहीं पहुंच रही। सिनेमा लवर्स का कहना है कि राजस्थानी सिनेमा के पिछड़ने का कारण कोई भी रहा हो, उसे जानने और उसका रोजणा रोने से कुछ नहीं होने वाला। प्रोपर तैयारी के साथ, आज के समय की फिल्म बनानी होगी।

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