Indian Singer Asha Bhosle ने इन 14 राजस्थानी फिल्मों में गाए हैं गाने
Indian Singer Asha Bhosle ने इन 14 राजस्थानी फिल्मों में गाए हैं गाने … 78 साल पुराना राजस्थानी सिनेमा जहां अभी तक लता दीदी के दिव्य स्वर से वंचित रहा है, वहीं हम राजस्थानियों के लिए यह गौरव की बात है कि आशा भोसले (Indian Singer Asha Bhosle) ने राजस्थानी फिल्मों में दिल से गाया है और दिल खोल के अपनी आवाज़ का जादू जगाया है। उन्होंने 14 राजस्थानी फिल्मों में गीतों को अपनी आवाज दी है। इनमें Asha Bhosle ने करीब 45 गीत गाए हैं।
78 साल पुराना राजस्थानी सिनेमा जहां अभी तक लता दीदी के दिव्य स्वर से वंचित रहा है, वहीं हम राजस्थानियों के लिए यह गौरव की बात है कि आशा भोसले ( Indian Singer Asha Bhosle ) ने राजस्थानी फिल्मों में दिल से गाया है और दिल खोल के अपनी आवाज़ का जादू जगाया है। उन्होंने 14 राजस्थानी फिल्मों में गीतों को अपनी आवाज दी है। इनमें आशा भोसले ने करीब 45 गीत गाए हैं।
अंग्रेजी में पढ़ें :Asha Bhosle has sung songs in these 14 Rajasthani films
आशा भोसले (Indian Singer Asha Bhosle) से राजस्थानी फिल्मों में गवाने का काफी हद तक श्रेय गुणी संगीतकार पं. शिवराम को जाता है। शिवरामजी ने ही ‘बाबासा री लाडली'(1961) में आशाजी से राजस्थानी में सबसे पहले, पांच गीत गवाए- ओ रंग रंगीलो आलीजो…, बोल पंछीड़ा रे…, सूती थी रंग म्हैल में… और महेंद्र कपूर के साथ सुपरहिट डुएट- हिवड़ै सूं दूर मत जा…! अगली फिल्म ‘नानीबाई को मायरो’ में भी शिवरामजी ने आशाजी से पांच गीत गवाए। इनमें- म्हारो छैलभंवर केसरियो बनड़ो…, म्हानै चूनड़ी ओढ़ाजा आजा बीरा सांवरा… जैसे लाजवाब गीत भी शामिल हैं। उसी दौर में शिवरामजी ने धणी लुगाई, गणगौर, गोपीचंद भरथरी में और चांद परदेसी ने ढोला मरवण में भी उनसे उम्दा गीत गवाए।
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राजस्थानी सिनेमा के दूसरे दौर में नारायण दत्त ने म्हारी प्यारी चनणा (1983) के आठों गीत आशाजी से गवाकर इतिहास बनाया। अरे काळी पीळी बादळी रे…, सावण आयो रे…, चांदड़लो चढ़ आयो गिगनार…, झिरमिर झिरमिर रे…, साथीड़ा रामू रे…, तू मेरी मैना… धीरे धीरे धीरे बोल रामूड़ा…, मार नज़र तड़पावे… जैसे तमाम गीत सुपरहिट हुए।
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इसके बाद, शंभू सेन ने अपने संगीत निर्देशन में थारी म्हारी और घर में राज लुगायां को, लियाकत अजमेरी ने चूनड़ी, मोहनसिंह राठौड़ ने बेटी हुई पराई रे, प्रभा ठाकुर ने बीनणी होवै तो इसी और राधेश्याम/क्षितिज कुमार ने राधू की लिछमी (1996) जैसी फिल्मों में आशाजी की दिलकश आवाज़ का इस्तेमाल कर राजस्थानी फिल्मों को मालामाल किया। इन फिल्मों के रात ढळती जावै…, ‘हे अंबिके जगदंबिके…’ और राजकुमार रिज़्वी के साथ सूनो कर आंगण घर द्वार बाई तो चाली सासरिये… सरीखे मेलोडियस गीत जिन्होंने एक बार भी सुने हैं, वे इनको भूल नहीं सकते।
गैर-फिल्मी राजस्थानी रचनाएं भी बख़ूबी गाईं
राजस्थानी फिल्मों के अलावा आशाजी ने गैर-फिल्मी राजस्थानी रचनाएं भी बख़ूबी गाईं। इनमें भरत व्यास के लिखे और बाबू सिंह के सुरों से सजे आठ भजनों को लेकर 1981 में ज़ारी एलपी रिकॉर्ड ‘म्हारा थे ही धणी हो गोपाल’ मास्टरपीस है।
मुख्य फ़िल्में जिनमें Asha Bhosle ने गीत गाए
- बाबासा री लाडली
- धणी लुगाई
- गणगौर
- गोपीचंद भरथरी
- ढोला मरवण
- म्हारी प्यारी चनणा
- थारी म्हारी
- घर में राज लुगायां को
- चूनड़ी
- बेटी हुई पराई रे
- बीनणी होवै तो इसी
- राधू की लिछमी
मुख्य गाने जिनको आवाज दी
- ओ रंग रंगीलो आलीजो
- बोल पंछीड़ा रे…
- सूती थी रंग म्हैल में…
- हिवड़ै सूं दूर मत जा..
- रात ढळती जावै…
- हे अंबिके जगदंबिके…
- सूनो कर आंगण घर द्वार बाई तो चाली सासरिये
- अरे काळी पीळी बादळी रे…
- सावण आयो रे…
- चांदड़लो चढ़ आयो गिगनार…
- झिरमिर झिरमिर रे…
- साथीड़ा रामू रे…
- तू मेरी मैना…
- धीरे धीरे धीरे बोल रामूड़ा…
- मार नज़र तड़पावे…
- नानीबाई को मायरो
- म्हारो छैलभंवर केसरियो बनड़ो…
- म्हानै चूनड़ी ओढ़ाजा आजा बीरा सांवरा…