रियल लाइफ की नहीं रील लाइफ की बात, दोनों फिल्मों में कॉमन हीरोइन होने से बना काम्बिनेशन
आप सोच रहे होंगे कि भाई यह माजरा क्या है। अनिल सैनी की तो अभी शादी भी नहीं हुई, फिर यह कौनसी पटेलण आ गई। चलो आ भी गई तो फिर वो पन्या सेपट की लाडली कैसे हो गई। आप अपने दिमाग के घोड़ों को तकलीफ दें उससे पहले हम ही इस राज से पर्दा उठा देते हैं। भई हम रियल लाइफ की नहीं रील लाइफ की बात कर रहे हैं। बात हमने राजस्थानी फिल्म पटेलण से शुरू की है और लाडली पर खत्म की है। दरअसल इन दोनों फिल्मों में एक कॉमन बात है, वो यह कि दोनों में हीरोइन एक है—परी शर्मा। इनमें एक में वह पटेलण (पत्नी) की भूमिका में थी तथा दूसरी में लाडली (बेटी) की भूमिका में है।
दरअसल निर्माता विपिन तिवारी ने एक फिल्म बनाई थी पटेलण। उसमें परी शर्मा के अपोजिट अनिल सैनी थे, जिन्होंने इनके पति की भूमिका निभाई थी। उसमें भी परी एक सशक्त महिला के रूप में थी जो अपने अधिकारों के लिए लड़ती है। यहां तक कि वह अपने पति के भी खिलाफ खड़ी होने से पीछे नहीं हटती। इस तरह वह अनिल सैनी की पटेलण थी। यह तब की बात है।
अभी की बात यह है कि निर्माता—निर्देशक विपिन तिवारी अब नई फिल्म लेकर आ रहे हैं, लाडली। यह बेटियों के हौसलों की कहानी है। इसमें लाडली की भूमिका में परी शर्मा हैं और उनके पिता बने हैं दीपक मीणा उर्फ पन्या सेपट। तो इस तरह से तब जो अनिल सैनी की पटेलण थी वो अब पन्या सेपट की लाडली बन गई।
रोमांटिक भूमिकाएं पसंद
परी को रोमांटिक भूमिकाएं बहुत पसंद हैं। मौका मिला तो वे मैं दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे की सिमरन जैसा रोल करना चाहती है। परी का पसंदीदा हीरो भी शाहरूख खान है। परी के अनुसार शाहरुख की प्रेजेंस ही स्क्रीन को रोमांटिक बना देती है। पसंदीदा निर्देशक के सवाल पर परी की जबान पर अनुराग कश्यप का नाम था। परी का कहना कि—वो मुझे कह दें तो मैं बिना स्क्रिप्ट और रोल सुने उनकी फिल्म में काम करने के लिए हां कह दूंगी। उनकी फिल्मों की मैं बहुत बड़ी फैन हूं। शैतान देखने के बाद तो मैं उनकी प्रतिभा की और भी कायल हो गई।